किसान हित में स्वामी जी महाराज से मिले शिवराज सिंह

किसान हित में स्वामी जी महाराज से मिले शिवराज सिंह

म.प्र. के सीएम ने पतंजलि योगपीठ के फूड प्रोसिसिंग यूनिट में दिखाई रुचि, मिलकर करेंगे किसानों के लिए काम हरिद्वार। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राज्य के किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए पतंजलि योगपीठ पहुंचकर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से विचार विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से पतंजलि की फूड प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में चर्चा की। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करने की बात कही। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह…

म.प्र. के सीएम ने पतंजलि योगपीठ के फूड प्रोसिसिंग यूनिट में दिखाई रुचि, मिलकर करेंगे किसानों के लिए काम

हरिद्वार। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राज्य के किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए पतंजलि योगपीठ पहुंचकर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से विचार विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से पतंजलि की फूड प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में चर्चा की। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करने की बात कही। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान जी ने मध्य प्रदश्ेा विधानसभा चुनावों को लेकर कई संतों से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से मुलाकात के बाद पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले पांच सालों से फसलों का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। इस समय कृषि विकास दर 18 से 20 प्रतिशत है। बम्पर उत्पादन से सरकार के सामने समस्या यह है कि किसान को उनकी उपज का उचित मूल्य कैसे दिलाया जाए। इसके लिए वैल्यू एडिशन, फूड प्रोसेसिंग तथा अन्य चीजें कैसे की जा सकती हैं इसके लिए श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से मुलाकात की। श्री शिवराज सिंह जी ने श्रद्धेय स्वामी जी महाराज और पतंजलि योगपीठ के अभियान की सराहना की। योगपीठ के योग और स्वदेशी के संकल्प को सराहते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी के प्रति उनका दृढ़ संकल्प है।

इस अवसर पर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जी से हमारा गहरा आत्मीय संबंध हैं वह यह योगी और कर्मयोगी मुख्यमंत्री हैं। उनकी कई कल्याणकारी योजनाएं काफी सराहनीय हैं। किसानों के लिए मध्य प्रदेश सरकार के प्रयासों को भी श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने सराहा।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना