जैविक कृशि प्रषिक्षण के लिए पतंजलि पहुंचे पंजाब के किसान
भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तीन तीन दिवसीय मृदा प्रशिक्षण
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हरिद्वार। देश को अनाज की पूर्ति करने वाला पंजाब अब जैविक कृषि उत्पाद के साथ देश को रोगमुक्त करने का भी कार्य करेगा। इसके लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत तीन दिवसीय मृदा प्रशिक्षण व जैविक कृषि प्रशिक्षण के लिए पंजाब से किसानों की टीम पतंजलि पहंुची है। इसके साथ ही संस्थान की ओर से किसानों के लिए अन्य प्रशिक्षण भी शुरू किए गये है।
पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान की ओर से किसानों के प्रशिक्षण के साथ-साथ पतंजलि की ओर से बनायी गयी मृदा परीक्षण किट ‘धरती का डाॅक्टर’ का किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसकी सहायता से किसान स्वयं अपने खेत में मिट्टी का परीक्षण कर सकते हैं। पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार किसान अपने खेतों की मिट्टी में पौधों के आवश्यक पोषक तत्वों जैसे- नाइट्रोजन, सल्फर, पोटाश, जैविक कार्बन तथा अन्य आवश्यक तत्वों की जांच कर सकेंगे। जिससे किसान यह निर्धारित कर पाएंगे कि उसके खेत की मिट्टी में किस तत्व की कमी है तथा वह अपनी फसलों के लिए आवश्यक खाद तथा उर्वरकों की मात्रा का निर्धारण भी कर सकेगा। इस प्रकार किसान अनावश्यक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के आर्थिक बोझ को कम कर पाएगा। कार्यक्रम में भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय आजीविका मिशन के डाॅ. सुहिता चक्रवर्ती ने भी किसानों को प्रशिक्षण दिया। पतंजलि संस्थान की ओर से डाॅ.वेदप्रिया आर्या, पवन कुमार, विवेक बेनीपुरी, डाॅ.मनोहारी, शिवम आदि ने पतंजलि के अनेक जिलों से आए किसानों को प्रशिक्षण दिया। पतंजलि के प्रशिक्षण से किसान गदगद दिखे।
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