प्रवास: आयुर्वेद से जीवन बनायें सुरक्षित: आचार्य श्री
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कानपुर (उत्तर प्रदेश)। पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के आयुर्वेदाचार्य परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज का हमीरपुर आगमन पर गंगापुल जाजमऊ स्थित विश्वकर्मा द्वार पर भव्य स्वागत किया गया। पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि योग और आयुर्वेद के साथ आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रतिदिन प्रातः व सांय एक घण्टा योग, प्राणायाम, गीता स्वाध्याय के साथ शुद्ध आहार, ताजेफल, दूध-दही, मट्ठा और फलों के रस का सेवन अवश्य करें, जिससे काया सदैव निरोगी रहेगी। इससे पहले पतंजलि से जुड़े लोगों ने पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज का जगह-जगह स्वागत किया। पूज्य आचार्य जी के साथ उनके शिष्य स्वामी अभिषेकदेव, स्वामी सत्यदेव यात्रा में शामिल रहे।
पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने नगर आगमन पर सभी का आह्वान किया कि योग और आयुर्वेद के साथ आध्यात्मिक जीवन जीना चाहिए। माता, बहनों और बेटियों को संस्कारी बनाने के लिए स्वयं सुरक्षित जीवन जीने के लिए प्रतिदिन प्रातः व सांय एक घंटा योग, प्राणायाम के साथ गीता स्वाध्याय करें। माताओं को आयुर्वेद औषधियां, जड़ी-बूटियां घर की रसोई में ही शुद्ध मसालों के रूप में उपलब्ध हैं, उन्हें औषधि के रूप में अपनी दिनचर्या के भोजन में अवश्य लेना चाहिए। शुद्ध ताजा आहार ही खायें स्वयं परिवार के साथ अपना जीवन स्वस्थ समृद्ध बनाकर दीर्घायु जीवन जीने का संदेश दें। यही आपके लिए देश निर्माण के लिए पर्याप्त होगा। नगर आगमन पर जाजमऊ गंगा पुल पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज का कार्यकर्ताओं भाई-बहनों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। तुलसी शोधकर्ता डॉ. रमेश कुशवाहा, दिनेश यादव, पूर्व सीएमओ डाॅ. वीसी रस्तोगी, भंवरलाल जी, अरविन्द जी समेत सैकड़ों कार्यकर्ता रहे।
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