लोकार्पण :    प्रदेश को पदम स्मारक के रूप में अनुपम सौगात

साधु-संतों के सान्निध्य में पदम स्मारक, पुस्तकालय एवं संग्रहालय का लोकार्पण, हजारों लोग बने साक्षी

लोकार्पण :    प्रदेश को पदम स्मारक के रूप में अनुपम सौगात

   नोखा, बीकानेर (राजस्थान) ब्रह्मलीन गोसेवी संत पदमाराम कुलरिया की स्मृति में पदम पैलेस मूलवास में नवनिर्मित पदम स्मारक का लोकार्पण समारोह हुआ। इसमें परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविंददेव गिरी जी महाराज, परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती, संत मुरलीधर महाराज, बजरंगदास महाराज, सुखदेव महाराज सहित साधु-संतों ने संत कुलरिया की पत्नी हरप्यारी देवी के सान्निध्य में पदम स्मारक का लोकार्पण किया। साथ ही गोसेवी संत पदमाराम कुलरिया की 11 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। स्मारक परिसर में बने पुस्तकालय एवं संग्रहालय का दीप प्रज्वलन कर लोकार्पित किया गया। संत की स्मृति में बालिका विद्यालय भवन का शिलान्यास भी किया गया।

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     महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी ने समारोह को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि संत पदमाराम कुलरिया परिवार ने प्रदेश को पदम स्मारक के रूप में अनुपम सौगात प्रदान की है। उनके पुत्र कानाराम-शंकर- धर्म कुलरिया का आभार जताते हुए कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पदम स्मारक में बना हाईटेक पुस्तकालय अहम कड़ी बनेगा। उन्होंने पुस्तकाल में शिक्षा से जुड़ी सभी पुस्तकों को डिजिटल उपलब्ध कराने की बात कही। ई-बुक्स से उच्च शिक्षा में अध्ययनरत प्रतिभागियों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। राज्यपाल ने संत कुलरिया ने जीवन प्रसंगों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया। इस दौरान शंकर-धर्म कुलरिया ने स्मारक के बारे में राष्ट्रपति को जानकारी दी। कानाराम कुलरिया ने आभार जताया। योगऋर्षि परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने पदम पैलेस परिसर में प्रातःकाल योगाभ्यास कराया। इसमें नोखा, बीकानेर, नागौर, जोधपुर सहित अन्य स्थानों से लोग पहुंचे और परम पूज्य स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में योगाभ्यास किया। परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि नियमित योगाभ्यास करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्हांेने कहा कि संत पदमाराम कुलरिया गोसेवा, पर्यावरण संरक्षण और धर्मपुण्य के कार्यों में सदैव अग्रणी रहते थे। उन्होंने करोड़ों रुपए गोसेवा में समर्पित किए। संतश्री जितने सरल व आत्मीय थे, उतने ही कर्मयोगी व गोसेवा के प्रति समर्पित व्यक्तित्व थे। उनके पुत्र कानाराम-शंकर-धर्म कुलरिया ने पदम स्मारक के रूप में उनकी स्मृति को चिरस्थाई बना दिया है। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि संत पदमाराम कुलरिया ने जीवन पर्यन्त गोसेवा एवं समाज हित में अनगिनत ऐसे काम किए, उनको भूलाया नहीं जा सकता है। संत मुरलीधर महाराज, बजरंगदास महाराज, सुखदेव महाराज सहित अन्य संतों ने कहा कि संत कुलरिया ने गोसेवा, पर्यावरण संरक्षण एवं समाज सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनका सेवा कार्य सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे।

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